देश के सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) द्वारा उठाए गए कदम से जिले के करीब 80 हजार बचत खाताधारक प्रभावित होंगे। इनका न्यूनतम बैलेंस रखने का झंझट खत्म होगा और ऋण पर ब्याज दरों में आधे फीसद की कटौती राहत देगी। दूसरी तरफ जमा पर मिलने वाले ब्याज कम होने से नुकसान भी उठाना पड़ेगा।
एसबीआई की जिले में 51 शाखाएं हैं। प्रत्येक शाखा में औसतन 20 हजार खाताधारक हैं। कुल लगभग 1.20 लाख खाते हैं। इनमें करीब 80 हजार बचत खाताधारक हैं। कई खाताधारकों के लिए न्यूनतम बैलेंस मेंटेन करना मुश्किल होता था।
तय बैलेंस से कम होने पर पेनल्टी लगाई जाती थी। अब यह परेशानी खत्म होगी। इसके अलावा ऋण के ब्याज में आधा फीसदी की कटौती कुछ इस तरह होगी जैसे मासिक 30 हजार रुपये की किश्त पर करीब 150 रुपये तक का फायदा होगा।
यहां नुकसान: बचत खाताधारकों को फायदा ही नहीं कुछ नुकसान भी हुआ है। मसलन, बैंक ने सभी बचत खातों पर ब्याज दर समान रूप से तीन फीसदी वार्षिक कर दिया है। अभी तक एक लाख तक के डिपॉजिट पर 3.25 फीसद ब्याज मिलता है, जबकि एक लाख से ज्यादा जमा पर तीन फीसदी की दर से ब्याज मिलता है।
यहां इतनी न्यूनतम बैलेंस रखने की सीमा:
शहरी क्षेत्रों में 3000 रुपये
कस्बों में 2000
ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार
बैंक के हजारों खाताधारकों को फायदा मिलेगा। उन्हें न्यूनतम बैलेंस मैंटेन नहीं करना पड़ेगा। ब्याज दरों में कटौती का लाभ ले पाएंगे। राजेश कुमार, रीजनल हेड, एसबीआई
कुछ चीजें में राहत दी है, लेकिन जमा पर जो ब्याज में कटौती की है, वह नुकसान पहुंचाएगी। खासकर रिटायर्ड लोगों को। उनकी जमा पूंजी बैंकों ही होती है।
सुरेंद्र कुमार शर्मा
यहां इतनी न्यूनतम बैलेंस रखने की सीमा:
शहरी क्षेत्रों में 3000 रुपये
कस्बों में 2000
ग्रामीण क्षेत्रों में एक हजार
बैंक के हजारों खाताधारकों को फायदा मिलेगा। उन्हें न्यूनतम बैलेंस मैंटेन नहीं करना पड़ेगा। ब्याज दरों में कटौती का लाभ ले पाएंगे। राजेश कुमार, रीजनल हेड, एसबीआई
कुछ चीजें में राहत दी है, लेकिन जमा पर जो ब्याज में कटौती की है, वह नुकसान पहुंचाएगी। खासकर रिटायर्ड लोगों को। उनकी जमा पूंजी बैंकों ही होती है।
सुरेंद्र कुमार शर्मा